Sunajo Sajan Sant (Hindi)

Sunajo Sajan Sant (Hindi)

सुणजो साजन संत,

पजुसण आव्या रे;

तमे पुण्य करो पुण्यवंत,

भविक मन भाव्यां रे.

वीर जिणेसर अति अलवेसर,

वाला मारा परमेश्वर अेम बोले रे;

 पर्व मांहे पजुसण मोटा,

अवर न आवे तस तोले रे. पजु०१

 

 चौपदमां जेम केसरी मोटो,

वाला मारा खगमां गरुड ते कहीअे रे,

 नदीमांहे जेम गंगा मोटी,

नगमां मेरु लहीअे रे. पजु०२

 

 भूपतिमां भरतेश्वर भाख्यो,

वाला मारा देवमांहे सुर इंद्र रे,

 तीरथमां शेत्रुंजो दाख्यो,

ग्रह गणमां जेम चंद्र रे. पजु० ३

 

दशेरा दिवाली ने वळी होळी,

वाला मारा अखात्रीज दिवासो रे;

 बळेव प्रमुख बहुलां छे बीजां,

पण नहि मुक्तिनो वासो रे. पजु०४

 

 ते माटे तमे अमर पळावो,

वाला मारा अठ्ठाई महोच्छव कीजे रे;

 अठ्ठम तप अधिकाई अे करीने,

नरभव लाहो लीजे रे. पजु०५

 

ढोल ददामा भेरी नफेरी,

वाला मारा कल्प सुत्रने जगावो रे;

 झांझरना झमकार करीने,

गोरीनी टोली मली आवो रे. पजु०६

 

 सोना रूपाने फूलडे वधावो,

वाला मारा कल्प सूत्रने पूजो रे;

 नव वखाण विधिअे सांभळतां,

पाप मेवासी भ्रूजो रे. पजु०७

 

 अेम अठ्ठाई महोच्छव करतां,

वाला मारा बहु जन जग उद्धरिया रे;

 विबुध विमल वर सेवक अेहथी,

नवनिधि रिद्धि सिद्धि वरिया रे. पजु०८

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