Suno Chandji | Jain stavan | Hindi Lyrics

Suno Chandji | Jain stavan | Hindi Lyrics

Suno Chandaji Hindi Lyrics Jain Stavan

सुणो चंदाजी

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

मुजविनंतडी, प्रेम धरीने एणी पेरे तुमे संभळावजो;

जे त्रण भुवननो नायक छे, जस चोसठ इन्द्र पायक छे;

ज्ञान दरिसण जेहने लायक छे,

जेनी कंचन वरणी काचा छे, स घोरी लंछन पाया छे;

पुंडरीगिणी नगरीनो राया छे. 

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

बार पर्षदामांहि बिराजे छे, जस चोत्रीस अतिशय छाजे छे;

गुण पांत्रीश वाणीए गाजे छे. 

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

भवि जनने जे पडिबोले छे, तुम अधिक शीतल गुण सोहे छे;

रूप देखी भविजन मोहे छे.

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

तुम सेवा करवा रसीयो छुं, पण भरतमां दूरे वसीयो छुं;

महामोहराय कर फसीयो छुं,

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

पण साहिब चित्तमां धरीचो छे, तुम आणा खडग कर ग्रहीयो छे;

पण कांइक मुजथी डरीयो छे. 

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

जिन उत्तम पूंठ हवे पूरो, कहे ‘पद्मविजय’ थाउं शूरो;

तो वाधे मुज मन अति नूरो. 

सुणो चंदाजी, सीमंधर परमातम पासे जावजो;

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