तमे आंखोमां तेज भरजो, तमे हैये उजास करजो,
तमे ऊंचा मनोरथ धरजो, तमे आखोय दरियो तरजो,
तमे गुरु सेवामां रहेजो दिवस रात रे,
संचरजो संयमनी वाट….(१)
तमे कायम हसतां रहेजो, मननी वात गुरुने कहेजो,
धरी धीरज कष्ट सहेजो, तमे वैरागी रंगे वहेजो,
तमने देव-गुरु देशे सुखशात रे,
संचरजो संयमनी वाट….(२)
तमे गजब पलटयुं पासुं, अमे एकला थई जाशुं,
आंखे आवशे आंसु आंसु, अमे खाली खाली थाशें,
अमे पळे पळे करशुं तमने याद,
संचरजो संयमनी वाट…. (३)
व्हालो दीकरो ले छे विदाय, साथे दीकरी पण ले विदाय,
अमे कोने व्हाल करीशुं, अमे कोळियो शी रीते भरीशें,
कोनी साथे करीशुं बेटा कहीने वात रे,
संचरजो संयमनी वाठ….(४)