तपस्याधारी, शासन शणगारी,
गुंजे है जय-जय आपकी,
ये चाँद सितारें, ये नैन हमारे,
नज़रे उतारे आज आपकी,
तपकी अन्नि में जलके,
बैठे है कर्म हरके,
यहीं वो तपस्वीराज है…
श्री धर्म रथ चढके,
चले वीरों के पथ पे,
यही वो तपस्वीराज है…(१)
करते है अनुमोदना,
हम सभी को बडा नाज़ है,
पारणे का दिन आया है,
पल ये अद्भुत खास है,
झूमे ये सारी धरती,
और झूमे ये आकाश है,
अभिनंदन में गुंजे साज़ है…(२)
तपस्वी से हम बने यशस्वी,
हर्षित है बगियां आपकी,
प्रभु वीर वचन को,
है दिल में बसाया,
आपके जैसा कोई भी नहीं…(३)