Tere Gungaan Ka Mai Pyasa (Hindi)

Tere Gungaan Ka Mai Pyasa (Hindi)

तेरे गुणगान का मैं प्यासा,

 लाया तुझ दर्शन की आशा, 

बनु मैं गौतम तुम जैसा, 

प्रेम हो महावीर से तुमसा, 

भक्ति दो, शक्ति दो, इतनी मुझे, 

गणधर श्री गौतम, मेरे स्वामी, 

वंदन हो चरणों में गणधरा मेरा….(१)

 

प्रभु ज्ञान का अमृत पीने, 

तुम अज्ञानी बन जाते, 

प्रभु प्रेम नदी में नहाने, 

तुम बालक भी बन जाते,

 मनपर्यव के स्वामी,

 ना तुझमें कोई खामी, 

दुनिया में मुझको,

 ना तुम सा मिला कोई सानी…(२)

 

 दुनिया छोड़ सके जो, 

प्रभु राग न छोड़ पाएं, 

अनंत गुणों के सागर, 

लब्धी भंडार कहाएं,

 तुझ जैसा ही सुंदर बने, 

धाम गुणयाजी पावन, 

तेरी महिमा गाकर के हुआ, 

धन्य नेमि का जीवन…(३)

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