उंगली पकडके तुमने, सन्मार्ग है बताया,
उसे पाना है मुझे, संयम दिलादो;
पापा में तेरी मलीका, टुकडा हुँ माँ के दिल का,
करने में साधना चली, संयम दिलादो;
संयमकी राहो में चलो, शुरवीरो (१)
लगती जुदाई है पर, नजदीकीयां है,
संबंध बदले फिर भी, प्यार सदा है;
आंखे न युं भीगाओ, और हाथको उठाओ,
रखदो उन्हें मेरे सर, संयम दिलादो;
वीरतीकी राहो में चलो, शुरवीरो (२)
संयमकी राहें चाहे, कष्टभरी हो,
मनमें प्रभु शासनकी, ज्वाला भरी हो;
आग्नाहो मेरा धरम, वीरतीमें निकले ये दम,
मक्कम बने ईरादें, संयम दिलादो;
मुक्तिकी राहोमें चलो, शुरवीरो (३)