Vandan Tane | Jain Stuti | Hindi Lyrics

Vandan Tane | Jain Stuti | Hindi Lyrics

निरखु तने तुजने स्तवु (Hindi Lyrics) जैन स्तुती

निरखु तने तुजने स्तवु  , पुजू तने तुजने स्मरु

धरु ध्यान के वचनों सुणु , हु शु करू हु शु करू,

उमटी परा जे नाथ अगणित हृदय मा सफंदन मने

हे नाथ हे आनंदधन , वंदन तने वंदन तने

           मारा प्रभु , प्रभु , प्रभु..

मनने बनावे वासनामय , रूपथी देखाय ना,

मनने बनावे गुणविमुख , जे दोष थी देखाय ना

प्रभु अविनय ने आव एवुं आंझी दे अंजन मने

हे नाथ नायनामृत झरण , वंदन तने वंदन तने

              मारा प्रभु , प्रभु , प्रभु..

तुझ चरणमा तुझ शरणमा , तुझ स्मरणमा जे सापडे,

तुझ ध्यान मा गीत गान मा , तुझ वचनमा जे सापडे,

एवी शीतलता ना कदी आपी शक्यो चंदन मने,

हे नाथ प्रशम सुधानिधि , वंदन तने वंदन तने

         मारा प्रभु , प्रभु , प्रभु..

सानिध्य तारो जोईये , न मले मने प्रियजन भले,

तारु शरण मलजो मने , ना पामु सुख साधन भले,

बस जोईये तारी कृपा ना जोईये कंचन मने

हे नाथ मुझ सर्वस्व तू , वंदन तने वंदन तने ,

         मारा प्रभु , प्रभु , प्रभु…

जे गोपी ने धनश्याम नु , हनुमान ने श्री राम नु,

जे मोर ने छे मेघ नु , नदी ने महासागर तणु,

ए थी अधिक हे हृदय स्वामी तारु आकर्षण मने,

हे नाथ शरणाधार तू , वंदन तने वंदन तने,

             मारा प्रभु , प्रभु , प्रभु..

तू क्या अने हु क्या विचारु , आज एवुं नाथ हु,-2

सुख ने बिराजे टोच पर तु , हु दुख नई खीन मा रहू , 

तू सदगुणी हु निर्गुणी , तू मुक्त छे बंधन मने,

हे नाथ सहु थी महान तू , वंदन तने वंदन तने

हे नाथ तू छे हृदय मा , जेम सूर्य झलके गगन मा-2

छिपमा जलाहर मोती चमके , फूल महके चमन मा,

महासागरे रतनों जगमगे , कल्पतरु नंदन बने,

हे नाथ श्वाशोश्वास तू , वंदन तने वंदन तने….

आखा जगतने जीतनारा , दोषथी जीत्या प्रभु,

आ विश्वने संतापनारा , कर्म सहु हारया प्रभु,

हे विश्व विजयी विश्व नायक नाथ अभिनंदन तने ,

हे नाथ हे त्रिभुवनपति , वंदन तने वंदन तने

रणमा सरोवर तू प्रभु , अंधकार मा महादीप तू,-2

कलिकाल मा तू कल्पतरु , महासागरे महाद्वीप तू,

अखिल विश्वे हे प्रभु , तू एक आलंबन मने,

हे नाथ हे करुणानिधि , वंदन तने वंदन तने…..

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