Vimal Jineshwar Jagatano Pyaro (Hindi)

Vimal Jineshwar Jagatano Pyaro (Hindi)

विमल जिनेश्वर जगतनो प्यारो, जीवन प्राण आधार हमारो; साहिब !

मोहे विमल जिणंदा, मोहना सम सुरतरुकंदा… ॥१॥

सात राज अलगो जई वसीयो, पण मुज भक्तितणो छे रसीयो… ॥२॥

मुज चित्त अंतर क्युं करी जासी, सेवक सुखीयो प्रभु शाबाशी… ॥३॥

आळस करशो जो सुख देवा, तो कुण करशे तुमची सेवा… ॥४॥

मोहादिक प्रभु दिलथी उगारो, जन्म जराना दुख निवारो… ॥५॥

सेवक दुःख जो स्वामी न भांजे, पूरव पातिक नहीं मुज मांजे… ॥६॥ 

तो कुण बीजो आशा पूरे, साहिब कांई इच्छित पूरे… ॥७॥”

“ज्ञानविमल” सूरि जिनगुण गावे, सहेजे समकित बहुगुण पावे… ॥८॥

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