अर्हं नम:
नवपदजी की ओली से कोढ दूर हो सकते है तो…… कोरोना क्यों नहीं ⁉️
23 ओकटोबर को नवपदजी की ओली शुरू हो रही हैं ! लाखों जैनियों को पत्ता ही होगा की…..
1) हर एक तीर्थंकर परमात्मा के शासन में नव दिन ओली की आराधना की जाती है.
2) 23 ओकटोबर से महाविदेह क्षेत्र मे लगभग 4000 करोड़ से अधिक साधु साध्वीजी ओली की आराधना करेंगे.
3) श्रीपाल कुंवर को जो पांच साल की उम्र मे कोढ का रोग हुआ था, ओली की आराधना से वो संपूर्ण खत्म हो गया था.
4) पुरे हिन्दुस्तान मे शायद लाखों लोग ओली की आराधना हर साल करते है.
लेकिन आज की परिस्थिति के अनुसार.
1) तमाम जैन संघ मे ओली की आराधना बंद हो गई है.
2) आयंबिल खाता का रसोडा संपूर्ण बंद रखा गया है.
परिस्थिति को ध्यान मे रखकर लिया गया यह निर्णय 100% सही है.
लेकिन वो लाखों लोग ,जो हर साल नव दिन की आराधना करते थे,वो छोड़ दे वह भी उचित नहीं है.
देखिए! मैं खुद भी ओली करता नहीं हूँ. इसलिए ऐसे देखे तो मुझे आपको उपदेश देने का कोई हक नहीं है.
लेकिन जैन संघ के लाखों आराधक अपनी आराधना इसलिए छोड़ दे, क्योंकि “आयंबिलशाला नहीं है” यह भी तो उचित नहीं है न.. !
सब मेरी बात गोर से सुनिए …..
1) आप अपने मन से पुछिए “आप आयंबिल क्यों छोड़ रहे हो.. ? ”
जवाब मिलेगा…..
👉घर पर आयंबिल की रसोई बनानी पडेगी….
👉आयंबिल खाते मे 30-40 आइटम बनती है,घर पर मुश्किल से 5-7.
इसलिए ओली नहीं करनी….
बराबर न… ?
लेकिन मेरे आराधक भाई बहनों.. जरा सोचो…..
1) यही तो आपकी EXAM है,सब अनुकूलता हो तो तो सब लोग ओली करते हैं.आज ऐसी प्रतिकूलता मे आप ओली करे,तो आपकी धर्माराधना सच्ची है, आपका धर्मराग सच्चा!
2) कोरोना वाईरस के इस भयानक आफत में आप देश को क्या देंगे?
क्या लाखों करोड़ों रुपये दे पाओगे..? नहीं.
क्या पुलिस, डाक्टर आदि की तरह अपनी जान का खतरा लेकर देश की रक्षा कर पाओगे…? नहीं
लेकिन यह एक चीज तो आप जरूर कर सकते हो , सिर्फ देश के लिए नहीं, पूरे विश्व के लिए…
Please.. ! आप ओली की आराधना मत छोडो़. मन मे संकल्प करो की “है नवपद भगवान!” आपने श्रीपाल का बहुत पुराना कोढ चंद दिनों मे मिटा दिया था,तो आज पूरे विश्व को कोरोना नाम की महामारी से मुक्त करो….
ऐसी भावना के साथ आराधना करो…
ऐसा बिल्कुल मत मानना कि “सिर्फ संकल्प से क्या होगा?” आपको पत्ता नही है कि वलर्ड फेमस दी सिक्रेट नाम की बुक में मन की संकल्प शक्ति का ही बयान किया गया है.
दुनिया के करोड़ों लोग वो बुक पढ चुके है , ओर वो सत्य को मान चुके है.
मन की संकल्प शक्ति के हजारों प्रसंग बन चुके है, बन रहे हैं.
आपको घर पर ही आराधना करनी है, वो गुरु भंगवंतो के मार्गदर्शन के अनुसार आपको बता रहा हूँ……
1) नव दिन घर पर आयंबिल करने है. सिर्फ रोटी और मूंग की दाल भी शरीर मे पूरी ताकत भर देते है. फिर भी आप आपके अनुकूलता के अनुसार 5,7- 10 आइटम बनाकर वापर सकते है…..
2) घर में स्थापना जी के सामने, भगवान की दर्शनीय मुर्ति के सामने, भगवान के फोटो के सामने साथिया, खमासमणा, प्रदक्षिणा, काऊस्सग आदि सब क्रिया कर सकते हैं….
3) प.पू.आ.जयानंदसूरिजी ने जैनो को सूचना दी है कि “आपके घर पर यदि दर्शनीय मुर्ति हो, प्रतिष्ठा न की हो तो भी उसकी पूजा कर सकते हो. यदि फोटो ही हो तो वासक्षेप पूजा कर सकते हो.
4) घर के काम काज के बाद जितना भी समय मिले, वो टी.वी, मोबाइल, बातचीत में waste मत करो, स्तवन, स्तुति, सज्झाय पक्के करो, धार्मिक books📚 पढो़, जब भी मौका मिले तब प्रभु को हाथ जोड़कर, आंखे बंद करके प्रार्थना करो “प्रभु! बिचारे निर्दोष हजारों लोग मर रहे है, करोड़ों लोग परेशान हो रहे है. वो करोडो़ं गरिबो, उनके बच्चों का क्या होगा ⁉️
बचा लो इस विश्व को….. ”
5) जिस दिन निस्वार्थ भाव से आंखों के आंसू के साथ आप प्रार्थना करोंगे, उस दिन चमत्कार होकर रहेगा.
जय नवकार….
जय नवपद……
जैनम जयति शासनम्…..