सर्वत्र विजय मंत्र मत्त-द्विपेन्द्र-मृगराज-दवानलाहि- संग्राम-वारिधि-महोदर-बन्धनोत्थम् । तस्याशु नाश-मुपयाति भयं भियेव, यस्तावकं स्तव-मिमं मतिमान-धीते ॥ प्रयोग विधि : खड़े खड़े 21 दिन तक जप करना | मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला | परिणाम : सब दिशाओं में विजय होती है |
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