मंत्र : उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः, शोच्यां दशा-मुपगताश्-च्युत-जीविताशाः । त्वत्पाद-पंकज-रजोमृतदिग्ध-देहाः, मर्त्या भवंति मकर-ध्वज-तुल्य-रूपाः ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : सर्व रोगों का नाश होता है। उपसर्ग भी दूर होते हैं।