Jain Mantra For Anti-harm prevention

  • Mantra For Anti-harm prevention | शत्रुकृत-हानि निरोधक मंत्र

    मंत्र : को विस्मयोत्र यदि नाम गुणैरशेषै, स्त्वं संश्रितो निरवकाश-तया मुनीश । दोषै-रुपात्त-विविधाश्रय-जात-गर्वैः, स्वप्नांतरेपि न कदाचिद-पीक्षितोसि ॥ मंत्र संख्या  : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : शत्रुकृत-हानि निरोधक

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