मंत्र : आपाद-कण्ठ-मुरुशृंखल-वेष्टितांगा, गाढं बृहन्निगड-कोटि-निघृष्ट-जंघाः । त्वन्नाम-मंत्र-मनिशं मनुजाः स्मरंतः सद्यः स्वयं विगत-बन्ध-भया भवंति ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : कारागार आदि बन्धन विनाशक |