मंत्र : बुद्धस्त्वमेव विबुधार्चित-बुद्धि-बोधात्, त्त्वं शंकरोसि भुवन-त्रय-शंकरत्वात् । धातासि धीर! शिव-मार्ग-विधेर्-विधानात्, व्यक्तं त्वमेव भगवन्! पुरुषोत्तमोसि ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : नज़र (दृष्टि देष) नाशक |