Jain Mantra For Personalized Defect Prevention

  • Mantra For Personalized Defect Prevention | व्यन्तरकृत दोष का निवारण मंत्र

    मंत्र : मन्ये वरं हरि-हरादय एव दृष्टा, दृष्टेषु येषु हृदयं त्वयि तोषमेति । किं वीक्षितेन भवता भुवि येन नान्यः, कश्चिन्मनो हरति नाथ भवांतरेपि ॥ मंत्र संख्या  : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : व्यन्तरकृत दोष का निवारण होता है।

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