मंत्र : चित्रं किमत्र यदि ते त्रिदशांगनाभि- नीतं मनागपि मनो न विकार-मार्गम् । कल्पांत-काल-मरुता चलिता चलेन किं मन्दराद्रि-शिखरं चलितं कदाचित् ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : प्रतिष्ठा एवं सौभाग्य-वृद्धि होती है। तेजस्वी आभामंडल का निर्माण होता है।
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