॥ ढाल पहली ॥ पहले भवे एक गामनो रे, राय नामे नयसार, काष्ट लेवा अटवी गयो रे, भोजन वेला थाय रे, प्राणी धरीये समकित रंग, जिम पामीये सुख अभंग रे… ॥१॥ मन चिंते महिमा नीलो रे, आवे तपसी कोय, दान देइ भोजन करूं रे, तो वांछित फल होय रे…॥२॥ मारग…
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