मंत्र : को विस्मयोत्र यदि नाम गुणैरशेषै, स्त्वं संश्रितो निरवकाश-तया मुनीश । दोषै-रुपात्त-विविधाश्रय-जात-गर्वैः, स्वप्नांतरेपि न कदाचिद-पीक्षितोसि ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : शत्रुकृत-हानि निरोधक