मंत्र : निर्धूम-वर्त्ति-रपवर्जित-तैलपूरः, कृत्स्नं जगत्त्रयमिदं प्रकटी-करोषि । गम्यो न जातु मरुतां चलिता-चलानां, दीपोपरस्त्वमसि नाथ! जगत्प्रकाशः ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : अग्नि का भय शांत होता है। चारों तरफ से सफलताएं मिलती हैं।
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