मंत्र : कुन्दावदात-चल-चामर-चारु-शोभं, विभ्राजते तव वपुः कलधौत-कांतम् । उद्यच्छशांक-शुचि-निर्झर-वारि-धार- मुच्चैस्तटं सुर-गिरेरिव शात-कौम्भम् ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : मार्गवर्ती सिंह, चोर आदि का भय नहीं रहता, यात्रा निर्विघ्न होती है।
Read more