मंत्र : कुंताग्र-भिन्न-गज-शोणित-वारिवाह- वेगावतार-तरणातुर-योध-भीमे । युद्धे जयं विजित-दुर्जय-जेय-पक्षास्- त्वत्-पाद-पंकज-वना-श्रयिणो लभंते ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : युद्ध में रक्षक और विजय दायक