मंत्र : मत्त-द्विपेन्द्र-मृगराज-दवानलाहि- संग्राम-वारिधि-महोदर-बन्धनोत्थम् । तस्याशु नाश-मुपयाति भयं भियेव, यस्तावकं स्तव-मिमं मतिमान-धीते ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : सब दिशाओं में विजय होती है।