Categories : Jain Stotra, JAINISM 23. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक न सा जाइ न सा जोणी , न तं ठाणं न तं कुलं । न जाया न मुया जत्थ , सव्वे जीवा अणंतसो ॥२३ ॥ : अर्थ : इस संसार में ऐसी कोई जाति नहीं , ऐसी कोई योनि नहीं , ऐसा कोई स्थान नहीं , ऐसा कोई कुल नहीं , जहाँ सभी जीव अनंत बार जनों और मरे न हों ।।23 ।। Related Articles 3. Shree Uvvasaggaharam Stotram | श्रीउवसग्गहरं स्तोत्रम् 2. Namskar Mantrastotram | नमस्कार मन्त्रस्तोत्रम 1. Aatma Raksha Stotra | आत्मरक्षास्तोत्रम् 104. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक 103. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक