23. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

23. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

23. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

न सा जाइ न सा जोणी ,

न तं ठाणं न तं कुलं ।

न जाया न मुया जत्थ ,

सव्वे जीवा अणंतसो ॥२३ ॥

: अर्थ :

इस संसार में ऐसी कोई जाति नहीं , ऐसी कोई योनि नहीं , ऐसा कोई स्थान नहीं , ऐसा कोई कुल नहीं , जहाँ सभी जीव अनंत बार जनों और मरे न हों ।।23 ।।

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