Kya dusshera jaino ka tyohar hai?

Kya dusshera jaino ka tyohar hai?

Kya dusshera jaino ka tyohar hai?

दशहरा

सब का यही कहना है कि “दशहरा” *जैनो* का त्यौहार नही है क्योंकि इस दिन जिन �”रावण” कुंभकर्ण” “मेघनाथ”

के पुतले बनाकर जलाये जाते हैं,उनमें से “कुंभकर्ण” और “मेघनाथ” तो उसी भव से मोक्ष जा चुके हैं और “रावण” भविष्य में “तीर्थंकर” बनकर मोक्ष जायेंगे
और हम सब भी जब तीनो कालो के अनंत सिद्धो को नमस्कार करते हैं तो इन तीनो जीवो को भी नमस्कार होता है |

अब ये बात विचारणीय है कि इन्होनें ऐसा क्या कार्य किया कि जिससे ये मोक्ष-मार्ग में चले गये…????
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इस दिन को दो नामों से जाना जाता है
विजयदशमी❗ और. ❗दशहरा❗
………………….. अर्थात् ………………….
दस पर विजय करना यानी *विजयदशमी*
या❗
दस को हरना यानी *दशहरा*

जिन *दस-प्राणों* से ये जीव इस संसार में “जीता” है और अनादि काल से जन्म-मरण के दुखों को भोगता हुआ आया है, उन पर “विजय” प्राप्त करना ही, उन *दस-प्राणों* को “हरना” ही
*विजयदशमी* या *दशहरा* है
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वे दस प्राण हैं….
स्पर्शन,रसना,घ्राण,चक्षु,कर्ण (पाँच इन्द्रियाँ),
मन बल,वचन बल,काय बल,आयु और श्वासोच्छवास….
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उन्होनें इन दस प्राणों पर विजय प्राप्त की और संसार के सब जीवो को यही “प्रेरणा” और “संदेश” भी दिया कि हम इन पर विजय प्राप्त करके ही “सुखी” हुए हैं,यदि तुम भी “सुखी” होना चाहते हो तो ऐसा ही करो…!!!

हे भाई……❗❗❗
इन दस प्राणों पर विजय प्राप्त करने का बस एक ही उपाय है

भेदविज्ञान ⚡ भेदविज्ञान ⚡ भेदविज्ञान

तो आअो बंधुओं हम सब भी ऐसी ही *विजयदशमी* (दशहरा) मनाये….!!!!

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