अक्षयनिधितप–विधि प्रातः काल में तप-कारक श्रावक-श्राविका को प्रथम जिन प्रतिमाजी की पूजा करके स्नात्र भणाने के बाद कलश के सामने बाजोट के ऊपर चाँवलों के एकावन साथिया कर उन पर बदाम,सुपारी,पतासा और यथाशक्ति पैसा या आनी चढ़ाना। फिर एक खमासमणा देकर ‘इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! इरियावहियं पडिक्कमामि?…
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