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  • Latest Jain Dharamshala In Palitana

    Latest Jain Dharamshala In Palitana Jainsite Launch New Jain Dharamshala In Palitana Jain Tirth  Bhojashala Lift  Free Wi-Fi Parking Free transportation to Taleti  Shatrunjya Hill View  Hot Water Mineral Water                                     Contact For Booking…

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  • This story dates back to the time when India and Pakistan partitioned in 1947

    This story dates back to the time when India and Pakistan partitioned in 1947. There were riots all around. Trains and buses going from India to Pakistan or Pakistan to India became moving cemetery on reaching the end. There was a Jain temple located in Multan, Punjab which is now…

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  • राजस्थान में दो मंदिर की चोरी ऐवंम परमात्मा को खण्डित किये गये

    राजस्थान में दो मंदिर की चोरी ऐवंम परमात्मा को खण्डित किये गये आज रात को खिमाडा गावं मे परमात्मा के गादी मेसे सोना ,चांदी , ऐवंम भण्डार तोडकर रुपये लेकर गये सभी से निवेदन है अपने – अपने गांव मे सुरक्षा ज्यादा से ज्यादा रखे परमात्मा के मंदिर का ख्याल…

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  • सिद्धाचल मध्ये जैन साइट भुवन पालीताना अनेक सुविधा से सुशोभित तीर्थ.
    सिद्धाचल मध्ये जैन साइट भुवन पालीताना अनेक सुविधा से सुशोभित तीर्थ.

    सिद्धाचल मध्ये जैन साइट भुवन पालीताना अनेक सुविधा से सुशोभित तीर्थ अपने जीवन काल में एक बार अवश्य दर्शन करने पधारे.

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  • पालीताना का सौप्रथम सहस्त्रकूट जिनालय

    सिद्धाचल महातीर्थ तलेटी एरिया का सौप्रथम सहस्त्रकूट जिनालय. सहस्त्रकूट जिनालय में १०२४ परमात्मा होते हे.जिनमे ३३ चौवीसी के दर्शन १७० उत्कृष्ट जिनेश्वर एवम 20 विहरमान के दर्शन होते हे.             जैन साइट संकुल में मूलनायक आदिनाथ दादा पंचधातु के २ टन के बिराजित हे. साथ में…

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  • कालधर्म समाचार
    कालधर्म समाचार

    पूज्य आचार्य देव भुवनभानु सूरिजी समुदाय के पूज्य आचार्य देव हेमचंद्र सूरिजी महाराज साहेब के प्रथम शिष्य वर्धमान तप की 100 ओली के आराधक, आध्यात्मिक प्रवचनकरपूज्य पन्यास प्रवर श्री निपुणचंद्र विजयजी महाराज साहेब काकालधर्मआज 24 एप्रिलअहमदाबाद ( जैन नगर ) में हुआ है । ✍️ जिन्होंने में आत्मा का कल्याण…

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  • नवपदजी की ओली से कोढ दूर हो सकते है तो…कोरोना क्यों नहीं ⁉️

      अर्हं नम: नवपदजी की ओली से कोढ दूर हो सकते है तो…… कोरोना क्यों नहीं ⁉️ 23 ओकटोबर को नवपदजी की ओली शुरू हो रही हैं ! लाखों जैनियों को पत्ता ही होगा की….. 1) हर एक तीर्थंकर परमात्मा के शासन में नव दिन ओली की आराधना की जाती…

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  • PUJYA SRI VAJRAYASH VIJAYJI M S. KALDHARM

    PUJYA SRI VAJRAYASH VIJAYJI M S. KALDHARM @ MUMBAI MULUND. 2020 -09 -29TH. PUJYA ACHARYA SRI VIKRAM SURISWARJI M S SAMUDHAY पूज्य तीर्थ प्रभावक गुरुदेव विक्रमसुरीश्वरजी म. सा. के सुशिष्य एवं पूज्य गुरुदेव #राजयशसूरीश्वरजी म. सा. के समर्पित लघु गुरुभ्राता तपस्वी, संगीत द्वारा प्रभुभक्ति में मग्न, सेवाभावी, प्रवर्तक प्रवर पूज्य…

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  • कालधर्म

    બાપજી મ.સા. સમુદાય ના પ્રવર્તીની સાધ્વીજી દિવ્ય પૂર્ણા શ્રીજી મ.સા. ના બેન મ.સા. સાધ્વીજી પરમ પ્રભા શ્રીજી મ.સા. આજ રોજ પ્રથમ અશો સુદ 11. રવિવાર, 27/09/2020 બપોરે 3.25 મી. નાસિક ,ધર્મચક્ર મુકામે ખૂબ સમાધિ પૂર્વક કાળ ધર્મ પામેલ છે.

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  • Mahaveer Swami 27 Bhav (Hindi)
    Mahaveer Swami 27 Bhav (Hindi)

    ॥ ढाल पहली ॥ पहले भवे एक गामनो रे, राय नामे नयसार, काष्ट लेवा अटवी गयो रे, भोजन वेला थाय रे, प्राणी धरीये समकित रंग, जिम पामीये सुख अभंग रे… ॥१॥ मन चिंते महिमा नीलो रे, आवे तपसी कोय, दान देइ भोजन करूं रे, तो वांछित फल होय रे…॥२॥ मारग…

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  • Shree Shreni Tap Ane Vidhi (Gujarati)
    Shree Shreni Tap Ane Vidhi (Gujarati)

    શ્રી શ્રેણી તપ અને વિધિ   श्रेणौ पट्श्रेणयः प्रोक्ता, एको द्वौ प्रथमे क्षणे ।  द्वितीयादिषु चैकैकक्रमवृद्धयाऽभिजायते ॥ १ ॥   શ્રેણીના અંકવડે જે તપ તે શ્રેણીતપ કહેવાય છે.  આ શ્રેણીતપમાં છ શ્રેણીઓ કહી છે.  તેમા પ્રથમ શ્રેણીએ પ્રથમ એક ઉપવાસ કરી પારણું કરવું,  પછી બે ઉપવાસ કરી પારણું કરવું.  બીજી…

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  • Shree Bhadra Tap Ane Teni Vidhi (Gujrati)
    Shree Bhadra Tap Ane Teni Vidhi (Gujrati)

    શ્રી ભદ્ર તપ અને તેની વિધિ   एकद्वित्रिचतुःपञ्चत्रिचतुःपञ्चभूद्वयैः ।  पञ्चैकद्वित्रिवेदैश्च द्वित्रिवेदेषुभूमिभिः ॥१॥   चतुःपञ्चैकद्वित्रिभिश्चोपवासैः श्रेणिपञ्चकम् ।  भद्रे तपसि मध्यस्थपारणश्रेणिसंयुतम् ॥२॥   આ તપ ભદ્ર એટલે કલ્યાણકારક હોવાથી ભદ્ર નામે કહેવાય છે.  તેમા પ્રથમ શ્રેણિમા પહેલો એક ઉપવાસ કરી પારણું કરવું.  પછી બે ઉપવાસ ઉપર પારણું, પછી ત્રણ ઉપર પારણું, પછી…

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  • Sattarbhedhi Pooja Sameeksha
    Sattarbhedhi Pooja Sameeksha

    સત્તરભેદી પૂજા સમીક્ષા   પરમાત્માની ભક્તિ માટે શાસ્ત્રોમાં પંચપ્રકારી, અષ્ટપ્રકારી ચોસઠપ્રકારી, નવ્વાણું પ્રકારી આદિ પૂજાના વિવિધ પ્રકારો દર્શાવવામાં આવ્યા છે. જેમાંની એક સત્તરભેદી પૂજા પણ છે. પૂ.આત્મારામજી મહારાજે રચેલી આવી સત્તરભેદી પૂજા હાલમાં વિશેષ પ્રકારે પ્રચલિત છે. ૧૦૮ કાવ્યોમાં બનેલી આ પૂજા વિવિધ રાગોથી યુક્ત અને અદ્દભુત શબ્દસંયોજનથી અલંકૃત છે.…

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  • Shree Dhawaja Rohan Vidhi
    Shree Dhawaja Rohan Vidhi

    ધ્વજાનુમાપ : ધ્વજા, ધ્વજાદંડ જેટલી લાંબી અને દંડની પાટલીની પહોળાઈ જેટલી બનાવવી પરિકર સાથે મૂળનાયક હોય તો ધ્વજામાં વચ્ચે સફેદ પટ્ટો અને આજુબાજુ લાલ પટ્ટો રાખવો. જો પરિકર ન હોય તો વચ્ચે લાલ પટ્ટો અને આજુબાજુ સફેદ પટ્ટો રાખવો. આસોપાલવનું તોરણ અવશ્ય બંધાવવું. ધ્વજા ઉપર ચોત્રીસો યંત્ર લખવો. તથા સૂર્યચંદ્ર…

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  • Jain Aacharya (Hindi)
    Jain Aacharya (Hindi)

      अच्छा… तो चलो ,देखते है… वो महापुरुष कौन थे ? कैसे थे वे, और उन्हों ने जिनशासन एवं सम्यग्ज्ञान की क्या सेवा की ?   १) भगवान श्री महावीर के मुख्य ११ शिष्य (गणधर) थे। जिनमें प्रथम थे, गुरु गौतमस्वामी और पाँचवे थे, गुरु सुधर्मास्वामी। त्रि-पदी को पाकर ११-गणधर…

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  • Shree Saraswati Devee Ke 108 Naam Va Arth (Hindi)
    Shree Saraswati Devee Ke 108 Naam Va Arth (Hindi)

    श्री सरस्वती देवी के १०८ नाम व अर्थ   १.   शारदा                     श्वेतकमलवाली । २.   विजया                  विशिष्ट जय करनेवाली । ३.   नंदा                          आनंद करनेवारी। ४.   जया                          जय स्वरुपा । ५.   पद्मा                          कमल में रहनेवाली । ६.   शिवा                        मंगलरूपा । ७.   क्षमा                         सामर्थ्यरूपा…

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  • 45 Aagam Ko Vandana (Hindi)
    45 Aagam Ko Vandana (Hindi)

                              ४५ आगम को वंदना…      मूल श्लोक (प्रायः)                                      १) श्री आचारांग    सूत्राय नमो नमः ।     …

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  • Samyag Gyan Ke Panch Khamasamane (Hindi)
    Samyag Gyan Ke Panch Khamasamane (Hindi)

    सम्यगज्ञानके ५ खमासमणे १)  समकित श्रद्धावंतने, उपन्यो ज्ञान प्रकाश,      प्रणमुं पदकज तेहना, भाव धरी उल्लास,     ॐ ह्रीं श्री मतिज्ञानाय नमो नमः ।इच्छामि खमा०   २)  पवयण श्रुत सिद्धांत ए, आगम समय वखाण,      पूजो बहुविध रागथी, चरण कमल चित्त आण.      ॐ ह्रीं श्री…

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  • Ashtaprakari Puja Vidhi
    Ashtaprakari Puja Vidhi

    अष्टप्रकारी पूजा   तीन लोक के नाथ एसे तीन जगत के देव,  परमकृपालु, जिनेश्वर परमात्मा की पूजा  करते समय सात प्रकार से शुद्धि रखने  का खास ध्यान रखना चाहिये.  ये सात शुद्धि निम्नोक्त है (१) अंगशुद्धि, (२) वस्त्रशुद्धि, (३) मनःशुद्धि, (४) भूमिशुद्धि.  (५) उपकरण शुद्धि (६) द्रव्यशुद्धि, (७) विधिशुद्धि.   प्रभु…

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