पूज्य आचार्य श्री विजय सिद्धसेन-दिवाकर सूरि विरचित श्री वर्धमान-शक्रस्तव (Vardhaman Shakrastav) कृतज्ञताके छे वाक्यो जयतु जयतु नित्यं श्री वीतराग ।। जयतु जयतु नित्यं श्री वर्धमान शक्रस्तव।। जयतु जयतु नित्यं श्री शकेन्द्र महाराजा।। जयतु जयतु नित्यं श्री सिद्धसेन दिवाकर सूरी।। जयतु जयतु नित्यं श्री श्रुतवाणी॥ ॐ नमोऽर्हते १ भगवते, २ परमात्मने,…
Read more-
Vardhaman Shakrastav Stotra | श्री वर्धमान-शक्रस्तव
-
3. Shree Uvvasaggaharam Stotram | श्रीउवसग्गहरं स्तोत्रम्
श्रीउवसग्गहरं स्तोत्रम्
Read more -
Vitrag Stotra
Vitrag Stotra Founder : Kalikal Sarvagya Aacharya Dev Hemchandra Suriji Maharaj रचनाकार : कलिकाल सर्वज्ञ आचार्य देव श्रीमद विजय हेमचंद्राचार्य जी इस स्तोत्र को हेमचंद्राचार्य जी ने कुमारपाल महाराजा को परमात्मा की भक्ति करने के लिए अर्पित किया था | ◆ प्रतिदिन सुबह कुमारपाल महाराजा इनका पढन करते थे…
Read more -
2. Namskar Mantrastotram | नमस्कार मन्त्रस्तोत्रम
॥ नमस्कार मन्त्रस्तोत्रम ॥
Read more