Categories : Jain Stotra, JAINISM 76. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक मा मा जंपह बहुअं , जे बद्धा चिक्कणेहिं कम्मेहिं । सव्वेसिं तेसिं जायइ , हियोवएसी महादोसो ॥७६ ॥ : अर्थ : गाढ़ कर्मों से जो बंधे हुए हैं , उन्हें ज्यादा उपदेश न दें , क्योंकि उनको दिया गया हितोपदेश महाद्वेष में ही परिणत होता है ।।76 ॥ Related Articles 3. Shree Uvvasaggaharam Stotram | श्रीउवसग्गहरं स्तोत्रम् 2. Namskar Mantrastotram | नमस्कार मन्त्रस्तोत्रम 1. Aatma Raksha Stotra | आत्मरक्षास्तोत्रम् 104. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक 103. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक