76. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

76. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

76. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

मा मा जंपह बहुअं ,

जे बद्धा चिक्कणेहिं कम्मेहिं ।

सव्वेसिं तेसिं जायइ ,

हियोवएसी महादोसो ॥७६ ॥

: अर्थ :

गाढ़ कर्मों से जो बंधे हुए हैं , उन्हें ज्यादा उपदेश न दें , क्योंकि उनको दिया गया हितोपदेश महाद्वेष में ही परिणत होता है ।।76 ॥

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