Charitra Pad ke 17/70 Gun | Navpad Aaradhna चारित्र पद के 17/70 गुणों सम्यग् चारित्र पद की आराधना को प्राणवंती बनाने के लिए चारित्र पद को जानना अत्यंत जरुरी है। चारित्र के…

Charitra Pad ke 17/70 Gun | Navpad Aaradhna चारित्र पद के 17/70 गुणों सम्यग् चारित्र पद की आराधना को प्राणवंती बनाने के लिए चारित्र पद को जानना अत्यंत जरुरी है। चारित्र के…
Samyag Tap Ke 12 Gun | Navpad Aaradhna सम्यग् तप पद के १२ गुणों तप जीवन का अमृत है। जैसे अमृत मिलने पर मृत्यु का डर समाप्त हो जाता है वैसे ही हमारे जीवन में तप रूपी अमृत आने पर…
Arihant Parmatma Ke 12 Gun | Navpad Aaradhna श्री अरिहंत परमात्मा के १२ गुण अष्टप्रातिहार्य १. अशोक वृक्ष – जहा परमात्मा का समवसरण होता हे वहा उनके शरीर से १२ गुना ज्यादा बड़ा आसोपालव का वृक्ष देवता बनाते हे । उस वृक्ष के निचे बैठ के परमात्मा देशना देते हे।…
Sidhdh Parmatma ke 8 Gun | Navpad Aaradhna श्री सिद्ध परमात्मा के 8 गुण १ अनंत सुख गुण – मोहनीय कर्म के नाश होने से आत्मा में प्रकट होने वाले अनुपम अतीन्द्रिय (इंद्रियों कि सहायता के बिना आत्मा कोप्राप्त) सुख, को अनत सुख कहते हैं ! २ अनंत दर्शन गुण…
उपाध्याय पद के 25 गुणों मुनि समुदाय में सबसे अधिक ज्ञानी, अन्य मुनियों को पढ़ाने वाले उपाध्याय भगवंत” होते हैं। ग्यारह अंग और चौदह पूर्व का अध्यापन इन पच्चीस गुणों से युक्त उपाध्याय भगवान्, अंग पूर्वादि शास्त्रों के पढ़ने वाले…
साधु पद के 27 गुणों साधु भगवंत की आराधना को प्राणवंती बनाने के लिये उनका संक्षिप्त परिचय… साधु पद अरिहंत, सिद्ध, आचार्य एवं उपाध्याय की जन्मभूमि है, साधु बने बिना ऊपर के कोई पद प्राप्त नहीं हो सकते। साधु-साध्वीजी…
1 चातुर्मास का प्रांरभ कब होता है ? आषाढ सुदि 14 2 चातुर्मास में किस भावी तीर्थकंर का जन्मोत्सव मनाया जाता है ? श्री कृष्ण जी 3 चातुर्मास में विशेष रूप से किस भाई-बहन को याद किया जाता है ? सुदर्शनाजी – नंदीवर्धनजी. 4 चातुर्मास में केवलज्ञान कल्याणक किसका हुआ ? अरिष्टनेमिनाथजी .…
1 परमात्मा महावीर ने किस भव में समयक्त्व प्राप्त किया था नयसार के भव में 2 समकित प्राप्ति के पश्चात् परमात्मा महावीर के कितने भव हुए 27 3 परमात्मा महावीर ने किस नगरी में समयक्त्व प्राप्त किया था अहिच्छत्रा नगरी 4 प्रथम भव में प्रभु महावीर किस नगर के निवासी…
अरिहंत पद देवपाल राजा सिद्ध पद हस्तिपाल राजा प्रवचन पद जिनदत्त राजा आचार्य पद पुरुषोत्तम राजा स्थविर पद पद्मोत्तर राजा उपाध्याय पद वीरभद्र राजा साधु पद महेन्द्रपाल राजा ज्ञान पद जयंत राजा दर्शन पद हरिविक्रम राजा विनय पद धनकुमार राजा चारित्र पद अरुणदेव राजा ब्रह्मचर्य पद चंद्रवर्म राजा क्रिया पद…
नवकार मंत्र पंच मंगल महाश्रुतस्कंध खमासमणा सूत्र पंचांग प्राणिपात सूत्र इच्छकार सूत्र सुगुरू सुखशाता पृच्छा अब्भुट्ठिओ सूत्र गुरु क्षामणा सूत्र इरियावही सूत्र लघु प्रतिक्रमण प्राचश्चित तस्स उत्तरी सूत्र हेतु सूत्र अन्नत्थ सूत्र आगार सूत्र लोगस्स सूत्र नामस्तव / चतुर्विंशति स्तव करेमि भंते सूत्र प्रतिज्ञा सूत्र नमुत्थुणं सूत्र शक्रस्तव,प्राणिपात सूत्र पुखरवरदी…
नवकारशी का पच्चक्खाण करने से 100 वर्ष का नारकी का आयुष्य क्षय होता हैं पोरिशी का पच्चक्खाण करने से 1,000 वर्ष का नारकी का आयुष्य क्षय होता हैं साडपोरिशी का पच्चक्खाण करने से 10,000 वर्ष का नारकी का आयुष्य क्षय होता हैं परिमुड्ढ का पच्चक्खाण करने से 1,00,000 वर्ष का…
जिस भव में अरिंत परमात्मा ने तीर्थंकर नाम कर्म का उपार्जन किया उस भव के दिक्षा गुरु का नाम है 1 प्रभु आदिनाथ तीर्थंकर वज्रसेन 2 प्रभु अजितनाथ आचार्य अरिदमन 3 प्रभु संभवनाथ आचार्य संभ्रात 4 प्रभु अभिनंदन आचार्य विमलवाहन 5 प्रभु सुमतिनाथ सीमंधर 6 प्रभु पद्मप्रभस्वामी आचार्य पिहिताश्रव 7…